
घट-घट में श्रीराम बसे हैं
रग-रग में श्रीराम बसे हैं
दीन हीन की विरक्ति हरने ,
क्षीण क्षीण में शक्ति भरने ,
मानवता फिर जीवित करने ,
अवधपुरी में साज सजे हैं ।।
घट-घट में श्रीराम. . . . . रग-रग में . . . . . .
विचारधारा अभिसृत करने ,
देश काल सुसंस्कृत करने ,
परिष्कृति का बीड़ा धरने,
कमर कसी, माथा चमके है ।।
घट-घट में श्रीराम. . . . . रग-रग में . . . . . .
बाधाओं को खंडित करने ,
त्रिभुवन महिमा मंडित करने ,
प्रत्यंचा की टंकार मात्र से,
असुरों ने स्व प्राण तजे हैं ।।
घट-घट में श्रीराम. . . . . रग-रग में . . . . . .
मुश्त बाँध अब शपथ उठाएँ ,
प्राण जाए पर वचन न जाए ,
ऐसे रामराज्य को लाने ,
रामलला के धाम सजे हैं ।।
घट-घट में श्रीराम बसे हैं ।
रग-रग में श्रीराम बसे हैं ।।
-प्रखर
Mst bhai ,,,jai shree Ram
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धन्यवाद 🙏💐☺️
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जय श्री राम
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वाह! प्राउड आफ यू! मेरे दोस्त ।
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धन्यवाद अंकल 😍😍🙏🙏🙇🌱💐💐
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वाह! प्राउड आफ यू! मेरे दोस्त ।
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Atyadhik Sundar… bhaiya jii
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धन्यवाद💐🙏☺️
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