मित्र क्या है ??? , परछाई है , हाथ थाम ले , जब आगे खाई है ।। आईना है दुर्गुणों को दिखलाने में , माहिर है उलझनों को सुलझाने में ।। स्पष्टवादिता का जीता जागता उदाहरण है , अमूल्य है आपके लिए, भले दुनिया के लिए साधारण है ।। जश्न में चार चांद लगा देताContinue reading ““अमूल्य मित्र “”