शिव जी के विष पान के चर्चेकण्ठ से ऊपर, कण्ठ से नीचे।भली भांति शिवत्व को पहचानेंविष पान मर्म आओ जानें ।। कण्ठ से ऊपर उगला जाएताण्डव कर कर पगला जाए।कण्ठ से नीचे निगला जाएबर्फ सरीखा पिघला जाए ।। यह जीवन भी कुछ विष सा हैइसे ना पीने की लिप्सा है।यदि इसका कोई विकल्प न होफिरContinue reading “शिवत्व”