घट-घट में श्रीराम बसे हैंरग-रग में श्रीराम बसे हैं दीन हीन की विरक्ति हरने ,क्षीण क्षीण में शक्ति भरने ,मानवता फिर जीवित करने ,अवधपुरी में साज सजे हैं ।।घट-घट में श्रीराम. . . . . रग-रग में . . . . . . विचारधारा अभिसृत करने ,देश काल सुसंस्कृत करने ,परिष्कृति का बीड़ा धरने,कमर कसी,Continue reading “घट-घट में राम”